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Thursday 7 August 2014

हनुमान चालीसा की 7 चौपाइयां, ये है अर्थ और उपाय

हनुमानजी को मनाने और उनकी कृपा प्राप्त करने का सबसे सरल उपाय है हनुमान चालीसा का पाठ करना। हनुमान चालीसा बहुत ही सरल और मन को शांति प्रदान करने वाली स्तुति है।

जो लोग धन अभाव से ग्रस्त हैं या घर-परिवार में परेशानियां चल रही हैं या ऑफिस में समस्याएं आ रही हैं या समाज में सम्मान नहीं मिल रहा है या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हैं तो इन्हें दूर करने के लिए हनुमान चालीसा का जप करना चाहिए। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार हनुमान चालीसा के जप से कुछ ही समय में सभी परेशानियां दूर हो सकती हैं।

जो लोग मस्तिष्क से संबंधित कार्य में लगे रहते हैं और मानसिक तनाव का सामना करते हैं तो रोज रात को सोने से पहले हनुमान चालीसा का जप करते हुए ध्यान करें।

यदि आप पूरी हनुमान चालीसा का जप नहीं कर सकते हैं तो इन पंक्तियों का जप कम से कम 108 बार करें...

बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहि हरेहू कलेश विकार।

इस पंक्ति में हनुमान से यही प्रार्थना की गई है कि हे प्रभु मैं खुद को बुद्धि हीन मानकर आपका ध्यान करता हूं। कृपा करें और मुझे शक्ति, बुद्धि, विद्या दीजिए। मेरे सभी कष्ट-क्लेश दूर कीजिए।

बुरे सपनों और डर से बचने के लिए

जिन लोगों को बुरे सपने आते हैं, सोते समय डर लगता हैं, उन्हें सोने से पहले इन पंक्तियों का जप करना चाहिए...
भूत-पिशाच निकट नहीं आवे।
महाबीर जब नाम सुनावे।
इस पंक्ति के माध्यम से भक्त द्वारा हनुमान से भूत-पिशाच आदि के डर से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की जाती है।
सोने से पहले जो भी व्यक्ति इस पंक्ति का जप पूरी श्रद्धा और आस्था के साथ करता है, उसे न तो बुरे सपने आते हैं और न ही कोई भय सताता है।

बीमारियों से बचने के लिए

यदि कोई व्यक्ति भयंकर बीमारी से ग्रस्त है और दवाओं का असर भी ठीक से नहीं हो पा रहा है तो सोने से पहले इस पंक्ति का जप करना चाहिए...
नासे रोग हरे सब पीरा।
जो सुमिरे हनुमंत बलबीरा।।
इस पंक्ति से हम बजरंग बली से सभी प्रकार रोगों और पीड़ाओं से मुक्ति के लिए प्रार्थना करते हैं। जो भी बीमार व्यक्ति इन पंक्तियों का जप करके सोता है, उसकी बीमारी जल्दी ठीक हो जाती है। ध्यान रखें इस उपाय के साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई गई सावधानियों का ध्यान रखें, दवाइयां समय पर लेते रहें।
मान-सम्मान पाने के लिए
यदि कोई व्यक्ति सर्वगुण संपन्न बनना चाहता है और घर-परिवार, समाज में वर्चस्व बनाना चाहता है, मान-सम्मान पाना चाहता है तो उसे सोने से पहले इस पंक्ति का जप करना चाहिए...
अष्ट-सिद्धि नवनिधि के दाता।
अस बर दीन जानकी माता।।

इस पंक्ति के अनुसार हनुमान अष्ट सिद्धियां और नौ निधियों के दाता है जो कि उन्हें माता सीता ने प्रदान की है। जिन लोगों के पास ये सिद्धियां और निधियां आ जाती हैं, वे समाज में और घर-परिवार में मान-सम्मान, प्रसिद्धि पाते हैं। इस पंक्ति के जप से हनुमानजी भक्त पर अपनी कृपा बरसाते हैं और दुख दूर करते हैं। मान-सम्मान पाने के लिए स्वयं हमें भी सही प्रयास करने चाहिए।

बुरे विचारों से मुक्ति के लिए
महाबीर बिक्रम बजरंगी।
कुमति निवार सुमति के संगी।।

यदि कोई व्यक्ति हनुमान चालीसा की इस पंक्ति का जप करता है तो उसे सुबुद्धि प्राप्त होती है। इस पंक्ति का जप करने वाले लोगों के कुविचार नष्ट होते हैं और सुविचार बनने लगते हैं। बुराई से ध्यान हटता है और अच्छाई की ओर मन लगता है।
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि बजरंगबली महावीर हैं और हनुमानजी कुमति को निवारते हैं यानी कुमति को दूर करते हैं। बजरंग बली सुमति यानी अच्छे विचारों को बढ़ाते हैं।

शत्रुओं पर विजय पाने के लिए
 
भीम रूप धरि असुर संहारे।
रामचंद्रजी के काज संवारे।।
 
जब आप शत्रुओं से परेशान हो जाएं और कोई रास्ता दिखाई न दे तो हनुमान चालीसा की इस चौपाई का कम से कम 108 बार जप करें। यदि एकाग्रता और भक्ति के साथ हनुमान चालीसा की सिर्फ इस पंक्ति का जप किया जाए तो शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। श्रीराम की कृपा प्राप्त होती है।
 
इस पंक्ति का अर्थ यह है कि श्रीराम और रावण के बीच हुए युद्ध में हनुमानजी ने भीम रूप यानी विशाल रूप धारण किया था। इसी भीम रूप से असुरों-राक्षसों का संहार किया। श्रीराम के काम पूर्ण करने में हनुमानजी ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। जिससे श्रीराम के सभी काम संवर गए।
 
 
विद्या धन पाने के लिए
 
बिद्यबान गुनी अति चातुर।
रामकाज करीबे को आतुर।।
 
यदि किसी व्यक्ति को विद्या धन चाहिए तो उसे इस पंक्ति का विशेष रूप से जप करना चाहिए। इस पंक्ति के जप से हमें विद्या और चतुराई प्राप्त होती है। इसके साथ ही हमारे हृदय में श्रीराम की भक्ति भी बढ़ती है।
 
इस चौपाई का अर्थ है कि हनुमानजी विद्यावान और गुणवान हैं। हनुमानजी बहुत चतुर भी हैं। वे सदैव ही श्रीराम सेवा करने के लिए तत्पर रहते हैं। जो भी व्यक्ति इस चौपाई का जप करता है, उसे हनुमानजी से विद्या, गुण, चतुराई के साथ ही, श्रीराम की भक्ति प्राप्त होती है।

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